तुझे देख कर आज मन सोचे दूर दूर है तुमसे हर सपना तू अंखियों का नूर है। तुझे देख कर आज मन सोचे दूर दूर है तुमसे हर सपना तू अंखियों का नूर है।
बरसात में जो थी तुम आयी भींगे होंठो से जो तुम मुस्कायी बरसात में जो थी तुम आयी भींगे होंठो से जो तुम मुस्कायी
कभी ना देखना किसी के चेहरे का नूर देखना है तो देख कैसी है वो दिल से हूर। कभी ना देखना किसी के चेहरे का नूर देखना है तो देख कैसी है वो दिल से हूर।
भूल गयी तेरे लिए पिया सारी थिंग पहना पिया अब तो मुझे रिंग। भूल गयी तेरे लिए पिया सारी थिंग पहना पिया अब तो मुझे रिंग।
हजारों की भीड़ में हर बार तनहा हम अकेले तू आ कर महसूस कर कभी तो जज़्बात मेरे हजारों की भीड़ में हर बार तनहा हम अकेले तू आ कर महसूस कर कभी तो जज़्बा...
मुझको अमर रस प्रेम दे अमर गीत रस प्राण बन। मुझको अमर रस प्रेम दे अमर गीत रस प्राण बन।